Nelson Mandela Long Walk to Freedom in Hindi Explanation, This page has the line by line explanation of the ncert class 10th English first flight chapter two Nelson Mandela Long Walk to Freedom in Hindi. CBSE Class 10th English Chapter 2 Nelson Mandela Long Walk to Freedom.
2. Nelson Mandela Long Walk to Freedom (नेल्सन मंडेला की स्वतंत्रता की ओर लंबी यात्रा)
I. “Apartheid’ is a political system that separates people according to their race. Can you say which of the three countries named below had such a political system unit very recently?
(1) North America
(ii) South Africa
(iii) Australia
‘पृथक्करण’ एक राजनीतिक प्रक्रिया है जो जातीय आधार पर लोगों को अलग करती है। क्या आप बता सकते हैं कि इन तीनों में से देश किस देश में यह प्रथा अभी तक प्रचलित थी।
Ans. South Africa
II. Have you heard of Nelson Mandela? Mandela, and his African National Congress, spent a lifetime fighting against apartheid. Mandela had to spend thirty years in prison. Finally, democratic elections were held in South Africa in 1994, and Mandela became the first black President of a new nation.
In this extract from his autobiography, Long Walk to Freedom, Mandela speaks about a historic occasion, ‘the inauguration’. Can you guess what the occasion might be? Check your guess with this news item (from the BBC ) of May 10, 1994.
क्या आपने नेल्सन मंडेला के बारे में सुना है? नेल्सन मंडेला और उसकी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस ने पृथक्करण के विरुद्ध आजीवन संघर्ष किया। मंडेला को तीस वर्ष जेल में बिताने पड़े। अन्त में, दक्षिण अफ्रीका में, 1994 में प्रजातन्त्र चुनाव हुए और मंडेला नए राष्ट्र के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने। उनकी आत्मकथा ‘लाँग वॉक टु फ्रीडम में मंडेला एक ऐतिहासिक अवसर ‘द इनऑगरेशन’ के बारे में बताते हैं आप अनु। क्या आप अनुमान लगा सकते हैं, ऐतिहासिक अवसर क्या होगा? अपने अनुमान को समाचार के इस अंश से जो BBC पर 10 मई, 1994 पर प्रसारित हुआ, से मिलाइए।
MANDELA BECOMES SOUTH AFRICA’S FIRST BLACK PRESIDENT
Nelson Mandela has become South Africa’s first Black President after more than three centuries of white rule. Mr. Mandela’s African National Congress (ANC) party won 252 of the 400 seats in the first democratic elections of South Africa’s history.
The inauguration ceremony took place in the Union buildings amphitheatre in Pretoria today, attended by politicians and dignitaries from more than 140 countries around the world. “Never, never again will this beautiful land experience the oppression of one by another”, said Nelson Mandela in his address.
Jubilant scenes on the streets of Pretoria followed the ceremony with blacks, whites and coloureds celebrating together……..More than 100,000 South African men, women and children of all races sang and danced with joy.
मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले ब्लैक (हब्शी) राष्ट्रपति बनते हैं
श्वेत लोगों के तीन शताब्दियों से अधिक शासन के पश्चात् नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले ब्लैक राष्ट्रपति बने हैं। मि. मंडेला के अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस दल ने दक्षिण अफ्रीका के इतिहास में पहले लोकतांत्रिक चुनाव में 400 में से 252 स्थान प्राप्त किए।
उद्घाटन समारोह आज प्रीटोरिया (Pretoria) में यूनियन बिल्डिंग्ज रंगमंडल में हुआ, जिसमें विश्व भर के 140 देशों से भी अधिक राजनीतिज्ञों तथा उच्च पदाधिकारियों ने भाग लिया। नेल्सन मंडेला ने अपने संबोधन में कहा- “कभी भी यह सुन्दर भूमि फिर एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति के उत्पीड़न का अनुभव नहीं करेगी।”
…….समारोह के पश्चात् प्रीटोरिया (Pretoria) की गलियों में प्रसन्नता के प्रदर्शन हुए जिन्हें काले लोगों, श्वेत लोगों तथा अश्वेत लोगों ने मनाया। . एक लाख से अधिक दक्षिण अफ्रीका के पुरुष, स्त्रियाँ तथा बच्चे, जो सभी जातियों के थे, प्रसन्नता से गाए तथा नाचे ।
TENTH May dawned bright and clear. For the past few days I had been pleasantly besieged by dignitaries and world leaders who were coming to pay their respects before the inauguration. The inauguration would be the largest gathering ever of international leaders on South African soil.
10 मई का दिन चमक-दमक तथा निर्विघ्न रूप से उदय हुआ। कुछ दिनों तक में उच्चाधिकारियों तथा विश्व के नेताओं से घिरा रहा जो उद्घाटन (समारोह) से पूर्व अपना सम्मान प्रदान करने के लिए आ रहे थे। उद्घाटन ( समारोह ) दक्षिण अफ्रीका की भूमि पर अन्तर्राष्ट्रीय नेताओं का सबसे बड़ा जमाव होगा।
The ceremonies took place in the lovely sandstone amphitheatre formed by the Union Buildings in Pretoria. For decades this had been the seat of white supremacy, and now it was the site of a rainbow gathering of different colours and nations for the installation of South Africa’s first democratic, non-racial government.
समारोह प्रीटोरिया में यूनियन बिल्डिंग्ज द्वारा बनाए गए सुन्दर बालू-पत्थर के रंगमंच में हुए । दशाब्दियों तक यह श्वेत प्रमुख का केन्द्र रहा था और अब यह दक्षिण अफ्रीका की पहली लोकतांत्रिक, गैर-प्रजातीय सरकार की स्थापना के लिए विभिन्न रंगों तथा राष्ट्रों के जमाव का बहुरंगी स्थल था।
On that lovely autumn day I was accompanied by my daughter Zenani. On the podium, Mr. de Klerk was first sworn in as second deputy president. Then Thabo Mbeki was sworn in as first deputy president. When it was my turn, I pledged to obey and uphold the Constitution and to devote myself to the well–being of the Republic and its people. To the assembled guests and the watching world, I said:
शरद ऋतु के उस सुन्दर दिन मैं अपनी बेटी जेनानी (Zenani) के साथ था । पादपीठ पर Mr de Klerk को सबसे पहले उपराष्ट्रपति के रूप में सौगंध दिलाई गई। फिर Thabo Mbeki को पहले उपराष्ट्रपति के रूप में सौगन्ध दिलाई गयी । जब मेरी बारी आई, तो मैंने संविधान के पालन तथा रक्षा करने और अपने को गणतंत्र तथा इसकी जनता के कल्याण के लिए समर्पित करने का प्रण किया । एकत्र अतिथियों तथा अवलोकन करने वाले संसार को संबोधित करते हुए मैंने कहाः
Today, all of us do, by our presence here………confer glory and hope to newborn liberty. Out of the exprience of an extraordinary human disaster that lasted too long, must be born a society of which all humanity will be proud.
We, who were outlaws not so long ago, have today been given the rare privilege to host to be the nations of the world on our own soil. We thank all of our distinguished international guests for having come to take possession with the people of our country of what is, after all, a common victory for justice, for peace, for human dignity.
We have, at last, achieved our political emancipation. We pledge ourselves to liberate all our people from the continuing bondage of poverty, deprivation, suffering, gender and other discrimination.
Never, never, and never again shall it be that this beautiful land will again experience the oppression of one by another.
The sun shall never set on so glorious a human achievement.
Let freedom reign. God bless Africa!
आज हम सब यहाँ अपनी उपस्थिति द्वारा नवजात स्वतंत्रता को शान तथा आशा प्रदान करते हैं । असाधारण मानव घोर विपदा के अनुभव से जो एक लम्बे समय तक रहा, निश्चय ही एक ऐसे समाज का जन्म होगा जिस पर सभी मानवता गर्व करेगी।
Nelson Mandela Long Walk to Freedom in Hindi Explanation
हमें, जो एक लम्बे समय तक बहिष्कृत थे, को एक दुर्लभ अधिकार प्राप्त हुआ है कि अपनी भूमि पर विश्व के राष्ट्रों के मेजबान बनें। हम अपने सभी प्रतिष्ठित अन्तर्राष्ट्रीय अतिथियों का धन्यवाद करते हैं जो हमारे देश की जनता के साथ, अन्ततः उस न्याय, उस शान्ति, उस मानव प्रतिष्ठा के लिए साझी विजय को प्राप्त करने के लिए आए हैं।
अन्ततः, हमने अपनी राजनैतिक मुक्ति प्राप्त कर ली है। हम प्रण लेते हैं कि हम अपनी सम्पूर्ण जनता को निर्धनता, अभाव, दुःख, लिंग तथा अन्य भेदभाव की निरंतर दासता से मुक्ति दिलाएँगे।
कभी भी ऐसा नहीं होगा कि यह सुन्दर राष्ट्र कभी भी पुनः एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति के उत्पीड़न का अनुभव करे।
इस गौरवपूर्ण मानव उपलब्धि पर कभी भी सूर्य अस्त नहीं होगा।
स्वतन्त्रता का शासन बना हरे । भगवान अफ्रीका को सुख–समृद्धि सम्पन्न बनाए ।
A few moments later we all lifted our eyes in awe as a spectacular array of South African jets, helicopters and troop carriers roared in perfect formation over the Union Buildings. It was not only a display of pinpoint precision and military force, but a demonstration of the military’s loyalty to democracy, to a new government that had been freely and fairly elected. Only moments before, the highest generals of the South African defence force and police, their chests bedecked with ribbons and medals from days gone by, saluted me and pledged their loyalty. I was not unmindful of the fact that not so many years before they would not have saluted but arrested me. Finally a chevron of Impala jets left a smoke trail of the black, red, green, blue and gold of the new South African flag.
कुछ क्षण पश्चात् हम सबने भय से अपनी आँखें ऊपर उठाई, ज्योंही दक्षिण अफ्रीका के जेट, हेलीकॉप्टर तथा सैनिकों को ले जाने वाले भव्य युद्ध-सज्जा वायुयान यूनियन बिल्डिंग्ज के ऊपर परिष्कृत संरचना में गरजने लगे। यह न केवल ठीक सूक्ष्मता तथा सैनिक शक्ति का प्रदर्शन था, किन्तु लोकतन्त्र के प्रति सैनिक निष्ठा का प्रतिपादन था, नयी सरकार के प्रति जो स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष रूप से चुनी गयी थी । केवल कुछ क्षण पहले, दक्षिण अफ्रीका की प्रतिरक्षा सेनाओं के जनरलों तथा पुलिस जिनकी छातियाँ गत दिनों से रिबनों तथा पदकों से अलंकृत थीं, ने मुझे सलामी दी थी और अपनी निष्ठा का प्रण लिया था। मैं इस बात के प्रति असावधान नहीं था कि कुछ वर्ष पहले उन्होंने मुझे सलामी नहीं दी होती किन्तु मुझे गिरफ्तार कर लिया होता । अन्ततः इम्पाला जेट एक बैज ने नये दक्षिण अफ्रीका के ध्वज की काली, लाल, हरी, नीली तथा सुनहरी रंग की धुएँ की लकीर को छोड़ा।
The day was symbolised for me by the playing of our two national anthems, and the vision of whites singing ‘Nkosi Sikelel’–’iAfrica’ and blacks singing ‘Die Stem’, the old anthem of the Republic. Although that day neither group knew the lyrics of the anthem they once despised, they would soon know the words by heart.
हमारे दो राष्ट्रीय गानों के गाने के कारण वह दिन मेरे लिए प्रतीकात्मक था और श्वेत लोगों के ‘Nkosi Sikelel’–’iAfrica’ तथा काले लोगों के ‘Die Stem’ के गान का दिव्य-दर्शन (झाँकी) था, जो गणतंत्र का पुराना राष्ट्रगान था। यद्यपि उस दिन कोई भी समूह राष्ट्रीय गान के गीतकाव्य को नहीं जानता था जिससे वे कभी घृणा करते थे, शीघ्र ही वे इसके शब्दों को कंठस्थ कर लेंगे।
On the day of the inauguration, I was overwhelmed with a sense of history. In the first decade of the twentieth century, a few years after the bitter Anglo-Boer war and before my own birth, the white–skinned peoples of South Africa patched up their differences and erected a system of racial domination against the dark-skinned peoples of their own land. The structure they created formed the basis of one of the harshest, most inhumane, societies the world has ever known. Now, in the last decade of the twentieth century, and my own eighth decade as a man, that system had been overturned forever and replaced by one that recognised the rights and freedoms of all peoples, regardless of the colour of their skin.
उद्घाटन के दिन, मैं इतिहास की भावना से अभिभूत था । 20वीं शताब्दी के पहले दशक में, दुःखद ऐंग्लो–बोयर मुद्दे के कुछ वर्ष पश्चात् और मेरे जन्म से पूर्व, दक्षिण अफ्रीका की गोरी चमड़ी वाले लोगों ने अपने विवादों को दूर कर लिया और अपने ही देश के काली चमड़ी वाले लोगों के विरुद्ध प्रजातीय प्रभुत्व की प्रणाली स्थापित कर ली। जो संरचना ( ढाँचा) उन्होंने स्थापित की वह कठोरतम, अत्यन्त अमानवीय संरचनाओं में से एक ढाँचे के निर्माण का आधार थी, उन समाजों का जो विश्व जानता है। अब, 20वीं शताब्दी के अन्तिम दशक में, तथा एक मानव के रूप में मेरे अपने आठवें दशक में, उस प्रणाली को सदा के लिए पलट दिया गया है और उसे एक ऐसी प्रणाली द्वारा बदल दिया गया है जो लोगों की चमड़ी के रंग की अपेक्षा सभी लोगों के अधिकारों तथा स्वतन्त्रताओं को मान्यता देता है।
That day had come about through the unimaginable sacrifices of thousands of my people, people whose suffering and courage can never be counted or repaid. I felt that day, as I have on so many other days, that I was simply the sum of all those African patriots who had gone before me. That long and noble line ended and now began again with me. I was pained that I was not able to thank them and that they were not able to see what their sacrifices had wrought.
वह दिन मेरे हजारों देशवासियों के अकल्पनीय बलिदानों द्वारा आया है, जिन लोगों की यातनाओं तथा साहस की गणना या उनका भुगतान कभी नहीं किया जा सकता। मैं उस दिन दुःखी हो उठा, जैसा कि मैं बहुत से दूसरे दिनों दुःखी हो जाता हूँ, कि मैं केवल उन सभी अफ्रीकी देशभक्तों का योग था जो मेरे से पहले चले गए थे। वह लंबी तथा गौरवपूर्ण पंक्ति समाप्त हो गयी है और पुनः मुहासे शुरू हुई। मैं दुःखी था कि मैं उनका धन्यवाद न कर सका और वे यह न देख सके कि उनके बलिदानों ने क्या प्राप्त किया है।
The policy of apartheid created a deep and lasting wound in my country and my people. All of us will spend many years, if not generations, recovering from that profound hurt. But the decades of oppression and brutality had another, unintended. effect and that was that it produced the Oliver Tambos, the Walter Sisulus, the Chief Luthulis, the Yusuf Dadoos, the Bram Fischers, the Robert Sobukwes of our time–men of such extraordinary courage, wisdom and generosity that their like may never be known again. Perhaps it requires such depths of oppression to create such heights of character. My country is rich in the minerals and gems that lie beneath its soil, but I have always known that its greatest wealth is its people, finer and truer than the purest diamonds.
रंगभेद की नीति ने मेरे देश तथा मेरे लोगों में गहरा तथा स्थायी घाव किया है। हम सबको उस गहरे घाव से स्वस्थ होने में बहुत से वर्ष, अगर पीढ़ियाँ नहीं, लगेंगे। किन्तु दशाब्दियों के उत्पीड़न तथा पाशविकता का अन्य, अनभीष्ट प्रभाव होगा, और वह यह था कि इसने हमारे समय के Oliver Tambos, Walter Sisulus, Chief Luthulis, Yusuf Dadoos, Bram Fischers, Robert Sobukwes जैसे लोगों को जन्म दिया- ऐसे असाधारण साहस, बुद्धिमत्ता तथ उदारता वाले लोगों को कि उन जैसे लोगों को कभी नहीं जाना जाएगा। संभवतः ऐसे उच्च चरित्र वाले लोगों की उत्पत्ति के लिए इतने गहन उत्पीड़न की आवश्यकता है। मेरा देश खनिजों तथा रत्नों में धनी (समृद्ध ) है जो इसकी धरती के नीच हैं, किन्तु मैं सदैव इस बात को जानता हूँ कि इसकी सबसे बड़ी सम्पत्ति इसके लोग हैं जो शुद्धतम हीरों की अपेक्षा अधिक सुन्दर तथा शुद्ध है।
Nelson Mandela Long Walk to Freedom in Hindi Explanation
It is from these comrades in the struggle that I learned the meaning of courage. Time and again, I have seen men and women risk and give their lives for an idea. I have seen men stand up to attacks and torture without breaking, showing a strength and resilience that defies the imagination. I learned that courage was not the absence of fear, but the triumph over it. The brave man is not he who does not feel afraid, but he who conquers that fear.
संघर्ष के दौरान मैंने इन साथियों से साहस के अर्थ को सीखा है। बार-बार मैंने एक धारणा के लिए पुरुषों तथा स्त्रियों को अपने जीवन को जोखिम में डालते तथा अपने प्राण देते देखा है। मैंने लोगों को बिना विचलित हुए आक्रमणों तथा यातना का शक्ति तथा लचक के साथ सामना करते हुए देखा है, जो कल्पना को भी चुनौती देता है। मैंने सीखा है कि साहस भय का अभाव नहीं है, किन्तु उस पर विजय है। धीर पुरुष वह नहीं है जो भय को महसूस नहीं करता है, किन्तु वह है जो उस भय पर विजय प्राप्त करता है।
No one is born hating another person because of the colour of his skin, or his background, or his religion. People must learn to hate, and if they can learn to hate, they can be taught to love, for love comes more naturally to the human heart than its opposite. Even in the grimmest times in prison, when my comrades and I were pushed to our limits, I would see a glimmer of humanity in one of the guards, perhaps just for a second, but it was enough to reassure me and keep me going. Man’s goodness is a flame that can be hidden but never extinguished.
कोई भी व्यक्ति ऐसा पैदा नहीं होता जो दूसरे व्यक्ति से उसकी चमड़ी के रंग के कारण, या उसकी पृष्ठभूमि, या उसके धर्म के कारण घृणा करता हो। लोगों को निश्चय ही घृणा करना सिखाया जाता है, और यदि वे घृणा करना सीख सकते हैं, उन्हें प्रेम करना भी सिखाया जा सकता है, क्योंकि प्रेम मानव हृदय में और अधिक स्वाभाविक रूप से पैदा होता है इसकी विपरीत दशा की अपेक्षा । यहाँ तक कि जेल में विकरालतम समय में भी जब मेरे साथियों तथा मुझे यातना सहन करने के अन्तिम बिन्दु तक पहुँचा दिया गया, मैंने संतरियों में से एक में मानवता की झलक देखी, संभवतः एक क्षण के लिए, किन्तु यह मुझे पुनः विश्वस्त करने तथा बने रहने के लिए पर्याप्त थी । मानव की अच्छाई एक लपट है जिसे छिपाया जा सकता है किन्तु जिसे बुझाया नहीं जा सकता।
In life, every man has twin obligations–obligations to his family, to his parents, to his wife and children; and he has an obligation to his people, his community, his country. In a civil and humane society, each man is able to fulfil those obligations according to his own inclinations and abilities. But in a country like South Africa, it was almost impossible for a man of my birth and colour to fulfil both of those obligations. In South Africa, a man of colour who attempted to live as a human being was punished and isolated. In South Africa, a man who tried to fulfil his duty to his people was inevitably ripped from his family and his home and was forced to live a life apart, a twilight existence of secrecy and rebellion. I did not in the beginning choose to place my people above my family, but in attempting to serve my people, I found that I was prevented from fulfilling my obligations as a son, a brother, a father and a husband.
जीवन में प्रत्येक व्यक्ति के दो दायित्व होते हैं–अपने परिवार, अपने माता–पिता, अपनी पत्नी तथा बच्चों के प्रति उत्तरदायित्व और अपने लोगों, अपने समुदाय, अपने देश के प्रति उत्तरदायित्व । एक सभ्य तथा मानवीय समाज में, प्रत्येक व्यक्ति उन उत्तरदायित्वों को अपनी प्रवृत्ति और योग्यताओं के अनुसार पूरा करने के योग्य होता है। किन्तु अफ्रीका जैसे एक देश में, मेरे जैसे जन्मे तथा रंग वाले व्यक्ति के लिए इन दोनों उत्तरदायित्वों को पूरा करना लगभग असंभव था। दक्षिण अफ्रीका में, एक अश्वेत व्यक्ति जो एक मानव के रूप में रहने का प्रयत्न करता उसे दण्डित तथा अलग-थलग किया जाता था । दक्षिण अफ्रीका में वह व्यक्ति जो अपने लोगों के प्रति अपने कर्त्तव्य को निभाने का प्रयत्न करता उसे अनिवार्य रूप से अपने परिवार तथा अपने घर से उखाड़ फेंका जाता और अलग-थलग जीवन व्यतीत करने को बाध्य किया जाता। गोपनीयता तथा विद्रोह का अंधकारमय अस्तित्व का जीवन व्यतीत करने के लिए, प्रारंभ में मैंने अपने लोगों को अपने परिवार से ऊपर रखने का चयन नहीं किया, किन्तु अपने लोगों की सेवा करने के प्रयत्न में, मैंने पाया कि एक पुत्र, एक भाई, एक पिता तथा एक पति के रूप में अपने उत्तरदायित्वों को निभाने से मुझे रोका गया।
Nelson Mandela Long Walk to Freedom in Hindi Explanation
I was not born with a hunger to be free. I was born free-free in every way that I could know. Free to run in the fields near my mother’s hut, free to swim in the clear stream that ran through my village, free to roast mealies under the stars and ride the broad backs of slow– moving bulls. As long as I obeyed my father and abided by the customs of my tribe, I was not troubled by the law of man or God.
मैं स्वतन्त्र रहने की भूख के साथ पैदा नहीं हुआ था। मैं स्वतन्त्र उत्पन्न हुआ था–प्रत्येक प्रकार से स्वतन्त्र जिसे मैं जान सकता था। अपनी माँ की झोपड़ी के निकट खेतों में स्वतन्त्र दौड़ने के लिए, स्वच्छ नदी में तैरने के लिए स्वतन्त्र जो मेरे गांव में से होकर गुजरती थी, तारों के नीचे मक्का की बालियों को भूनने के लिए और धीमी गति से चलने वाले बैलों की चौड़ी पीठ पर सवारी करने के लिए। जब तक मैं अपने पिता की आज्ञा का पालन करता रहा और अपने कबीले के रीति–रिवाजों को निभाता रहा, मैं मानव या भगवान के नियमों द्वारा कभी नहीं सताया गया।
It was only when I began to learn that my boyhood freedom was an illusion, when I discovered as a young man that my freedom had already been taken from me, that I began to hunger for it. At first, as a student, I wanted freedom only for myself, the transitory freedoms of being able to stay out at night, read what I pleased and go where I chose. Later, as a young man in Johannesburg, I yearned for the basic and honourable freedoms of achieving my potential, of earning my keep, of marrying and having a family the freedom not to be having a family—the freedom not to be obstructed in a lawful life.
ऐसा केवल उस समय हुआ जब मैं यह जानने लगा कि बचपन की मेरी स्वतंत्रता एक भ्रम है, जब एक युवक के रूप में मैंने क्या पाया कि मेरी स्वतंत्रता मुझसे पहले ही छीन ली गयी है, उस समय मैं उसके लिए तड़पने लगा। सर्वप्रथम, एक छात्र के रूप में, मैं केवल अपने लिए स्वतन्त्रता चाहता था, एक अस्थायी स्वतन्त्रता ताकि मैं रात को बाहर ठहर सकूँ, जो चाहूँ पढ़ सकूँ और जहाँ चाहूं जा सकूँ। बाद में Johannesburg में एक युवा पुरुष की तरह मैंने अपनी संभावित शक्ति को प्राप्त करने, अपने भोजन को प्राप्त करने, विवाह करने तथा परिवार बनाने की बुनियादी तथा सम्मानित स्वतन्त्रता के लिए लालसा की–ऐसी स्वतन्त्रता जो विधिपरक जीवन में बाधा न पहुँचाए।
But then I slowly saw that not only was I not free, but my brothers and sisters were not free. I saw that it was not just my freedom that was curtailed, but the freedom of everyone who looked like I did. That is when I joined the African National Congress, and that is when the hunger for my own freedom because the greater hunger for the freedom of my people. It was this desire for the freedom of my people to live their lives with dignity and self–respect that animated my life, that transformed a frightened young man into a bold one, that drove a law-abiding attorney to become a criminal, that turned a family–loving husband into a man without a home, that forced a life–loving man to live like a monk. I am no more virtuous or self–sacrificing than the next man, but I found that I could not even enjoy the poor and limited freedoms I was allowed when I knew my people were not free. Freedom is indivisible; the chains on anyone of my people were the chains on all of them, the chains on all of my people were the chains on me.
किन्तु फिर मैंने धीरे-धीरे देखा कि न केवल मैं ही स्वतन्त्र न था, किन्तु मेरे भाई तथा बहनें भी स्वतन्त्र न थीं। मैंने देखा कि यह केवल मेरी ही स्वतन्त्रता न थी जिसे कम कर दिया गया था, किन्तु प्रत्येक उस व्यक्ति की स्वतन्त्रता को जो मेरी तरह दिखाई देता था। यह वह समय था जब मैं अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस में शामिल हो गया, और जब स्वयं मेरी अपनी स्वतंत्रता की भूख मेरे अपने लोगों की स्वतंत्रता की बड़ी भूख बन गयी। अपने लोगों की स्वतंत्रता के लिए यह इच्छा कि वह अपना जीवन प्रतिष्ठा तथा आत्म–सम्मान से बिताए जिसने मेरे जीवन को प्रेरित किया, जिसने एक भयभीत युवक को साहसी मनुष्य में बदल दिया, जिसने कानून का पालन करने वाले न्यायवादी को अपराधी बना दिया, जिसने परिवार–स्नेही पति को एक बिना घर के व्यक्ति में बदल दिया, जिसने जीवन से प्यार करने वाले व्यक्ति को एक भिक्षु का जीवन व्यतीत करने के लिए बाध्य किया । मैं आगामी व्यक्ति की अपेक्षा अधिक सद्गुणी या आत्म–बलिदानी नहीं हूँ, किन्तु मैंने देखा कि मैं तुच्छ तथा सीमित स्वतंत्रताओं का आनन्द नहीं ले सकता जिसकी मुझे छूट थी जब मैं यह जानत था कि मेरे देशवासी स्वतंत्र नहीं हैं। स्वतंत्रता अविभाज्य है, मेरे लोगों (जाति के लोगों) में से किसी एक पर पड़ी जंजीरें उन सब पर पड़ी जंजीरें थीं, मेरे सभी लोगों पर पड़ी जंजीरें मेरे पर भी पड़ी जंजीरें थीं।
Nelson Mandela Long Walk to Freedom in Hindi Explanation
I knew that the oppressor must be liberated just as surely as the oppressed. A man who takes away another man’s freedom is a prisoner of hatred; he is locked behind the bars of prejudice and narrow–mindedness. I am not truly free if I am taking away someone else’s freedom, just as surely as I am not free when my freedom is taken from me. The oppressed and the oppressor alike are robbed of their humanity.
मैं जानता था कि उत्पीड़क को अवश्य ही मुक्त किया जाए जैसा कि निश्चय ही उत्पीड़ित को । वह व्यक्ति जो किसी अन्य व्यक्ति की स्वतन्त्रता का अपहरण करता है वह घृणा का बन्दी है, वह भेदभाव तथा संकीर्णता की सलाखों के पीछे बन्द है । वास्तव में मैं स्वतन्त्र नहीं हूँ यदि मैं किसी अन्य व्यक्ति की स्वतंत्रता का अपहरण करता हूँ, निश्चय ही ठीक उसी प्रकार जैसे कि मैं स्वतन्त्र नहीं हूँ जब मेरी स्वतन्त्रता मुझसे छीन ली जाती है। उत्पीड़ित तथा उत्पीड़क समान रूप से अपनी मानवता से वंचित कर दिए जाते हैं।
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